26 मई 2017 की घटनाएँ
माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र भाई मोदी के कार्यकाल का तीन महत्वपूर्ण वर्ष पूर्ण । भारतीय जनता ही नहीं, वैश्विक स्तर पर भी माननीय के अदा से सभी प्रभावित हुए हैं, बधाई । परंतु बेरोजगारी हिली नहीं हैं, आगामी दो वर्ष संभलने वाले पदचाप करने होंगे !
दूसरी घटना : 26.05.2017
26 मई को भारत रत्न श्रीमान सचिन रमेश तेंदुलकर ने खुद स्वीकारे कि वे भगवान नहीं हैं । इस दिन सचिन अभिनीत ‘सचिन : ए बिलियन ड्रीम्स’ रिलीज़ हुई, जो फ़िल्म तो नहीं, अपितु डॉक्यूमेंट्री -कम- ड्रामा इसे कहा जा सकता है । कुछ अनछुए प्रसंगों को साझा करने के लिए बधाई- सचिन-सचिन-सचिन ।
तीसरी घटना : 26.05.2017
दो घटना तो सुखद रहा, पर तीसरी घटना दुःखद है । पंजाब में कई दशकों तक फैले आतंकवाद और अलगाववाद को समाप्त करनेवाले बड़ा भारी-भरकम नाम कंवर पाल सिंह गिल व के.पी.एस. गिल नहीं रहे।
वे न केवल पंजाब के डी.जी.पी. रहे, अपितु पूर्वोत्तर सहित बिहार में भी राज्यपाल बूटा सिंह के सलाहकार रहे, जब राष्ट्रपति शासन लागू हुआ था। उस क्रम पटना में छात्रों के एक समूह के साथ मैं भी उनसे मिला था यानी के.पी.एस. से मिलने का सौभाग्य प्राप्त हुआ था। सादर श्रद्धांजलि….
हालाँकि उनके ज़िन्दगी के कुछ स्याह पक्ष भी हैं, एक महिला आई.ए.एस. श्रीमती रूपन देओल बज़ाज़ के साथ अभद्रता का केस 26 साल चला था, यह अभद्रता उन दिनों की है, जब उन्हें किसी को भी पूछे बगैर गोली मार देने की अनुमति प्राप्त था । केस श्रीमती बज़ाज़ ने जीती थी, किन्तु उनकी उपलब्धि और उम्र के कारण उनकी सजा को शिथिल कर दिया गया था।