कविता

एक कप चाय

विषय एक कप चाय
हर छोटी सी बात पर
शामिल कर लेते उसे
चाहे खुशी की सजे महफिल
है वह तन्हाई की साथी
हर गली चौराहे पर
ठहाके लगाने की वजह
बारिश के मौसम में
प्रेमी सा शुकुन
जरा सी सर्दी खाँसी हुई कि नहीं
बढ़ जाती उसकी मांग
बनती सिर्फ दो चीजों से
लेकिन हर दिल अजीज
सुबह अखबार के साथ
वह ना हो तो सूनापन लगे
सांवली सूरत भाती सबको
मेरी तो हर शाम की साथी
धीमी धीमी शीतल बयार
वो हो साथ तो क्या बात
तेरे बिन एक पल जिया न जाए
मेरी हमसफर मेरी एक कप चाय
तू हो तो शमा रौशन
हर मौसम की सच्ची सहेली
अदरक वाली चाय इलायची वाली चाय
मेरी सबसे प्यारी एक कप चाय।

स्वरचित
सविता सिंह मीरा
झारखंड जमशेदपुर

सविता सिंह 'मीरा'

जन्म तिथि -23 सितंबर शिक्षा- स्नातकोत्तर साहित्यिक गतिविधियां - विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में रचनाएं प्रकाशित व्यवसाय - निजी संस्थान में कार्यरत झारखंड जमशेदपुर संपर्क संख्या - 9430776517 ई - मेल - [email protected]