परीक्षा में करप्शन
उनके इंटरव्यू में मार्क्स कैसे आये, हर व्यक्ति ‘समझ’ रहे हैं, किन्तु मुख्य परीक्षा में मार्क्स के लिए उनकी उत्तरपुस्तिका बाहर जरूर निकली ! फिर सब सेट है- के तहत सादी पड़ी उत्तरपुस्तिकाओं में किसी ‘स्कॉलर’ ने सभी उत्तर छाप दिए ! अगर उक्त परीक्षा आयोग में पारदर्शिता है तो सभी सफल अभ्यर्थियों की कॉपियों को लोगों के दर्शनार्थ ‘गाँधी मैदान’ में प्रदर्शित करें और उन सबके स्पीड हैंड राइटिंग से मिलान कर लिए जाएँ !
अब यह सम्भव है, क्योंकि रिजल्ट आए एक माह तो ही गया। हिंदी फ़िल्म ‘नायक’ में श्री अनिल कपूर अभिनीत पात्र पुन: पूर्णकालिक मुख्यमंत्री बने थे और पूर्व मुख्यमंत्री यानी श्री अमरीश पुरी के पात्र को उन्हीं की शह व चाल में स्वाहा कर दिए थे ! जिसदिन आम आदमी अपनी ‘तमीज़’ में आ गए । समझिए, उस दिन करप्शन को बढ़ावा देनेवाली कहाँ चली जायेगी ? सबको पता है !