शेरदिल राजनीतिज्ञ
सर आशुतोष मुखर्जी वैज्ञानिक और शिक्षाविद थे, उनके सुपुत्र डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी आज़ादी से पहले बंगाल विधान परिषद के सदस्य और फजलूल हक की सरकार में वित्त मंत्री थे।
जब बंगाल प्रांत में मुस्लिम लीग की लीला विध्वंसक हो रही थी, तब वे सावरकर के हिन्दू महासभा के सदस्य बने । नेहरू मन्त्रिमण्डल में पहले उद्योग मंत्री बने। भारतीय जनसंघ के संस्थापक अध्यक्ष हुए।
सनातन संस्कृति के प्रति उनकी आस्था प्रबलतम थी । अनुच्छेद-370 हटाने के सोद्देश्य तथा कश्मीर के भारत के अभिन्न अंग होने को लेकर व कश्मीर में स्वतंत्र व बेरोकटोक आवाजाही के प्रसंगश: वह बिना परमिट वहाँ पहुँच गए।
तब उन्हें साजिशतन नज़रबन्द रखा गया और इसी कैद में उनकी मौत हो गई, जो संभवतः कश्मीर में एक संस्कृतिकर्मी की पहली हत्या थी। सच में शेर थे वे । जीये शेर की तरह और मृत्यु भी वैसे ही हुई । सन 1901 में 6 जुलाई को जन्में डॉ. मुखर्जी, जो कलकत्ता विश्वविद्यालय के कुलपति भी रहे।