अलग संघर्ष हैं सबके
अलग संघर्ष हैं सबके अलग सबकी कहानी है
किसी का जीवन अग्नि सा तो कोई बहता पानी है।
रचे हैं ईश ने सबको यहां पर चाँद और तारे
कोई गिनता है गम में किसी के प्यार की निशानी है
सूरज की जहाॅ में एक जैसी धूप है सबको
कोई सूरजमुखी सा खिलता है कहीं छतरी तानी है
कदम सब ही बढाते हैं अपनी राह बनाते हैं
कोई थक हार कर बैठे कोई छोड़े निशानी है
अकेले चलकर जरा देखो काफिले बन जाते हैं
कुछ कर वो गुजरता है जिसने करने की ठानी है
बिना संघर्ष जीवन में नहीं मिलती कोई मंज़िल
जिन्हें खुद पर भरोसा है वही लिखते कहानी हैं
— मोहिनी गुप्ता
कथा है हर जन की,
भले ही पुरानी है।
नमन है कवयित्री जी को,
लिखी सच्ची कहानी है।