साफ-साफ कहने हैं
किसी ने लिखा- चायवाले (नमो) की दुकान/दूकान को दूधवाले (लालू-मुलायम) बन्द कर सकते हैं! तब मैंने कहा- चाय के लिए महत्त्वपूर्ण तो चायपत्ती (तृणमूल के चुनाव चिह्न) होता है, वह साथ रहे तो चायवाले का 2019 फतह भी तय है!
××××
आपके पास पैसे हैं, तो आप होंडा खरीदेंगे और होंडी भी ! मैं तीन-चार बरसों से सोच रहा इन्वर्टर खरीदूँ, पर पैसाभाव के कारण खरीदने की हिम्मत जुटा नहीं पाता ! बिजली जाने के बाद आज भी मैं ढिबरी के प्रकाश में पढ़ाई करता हूँ और ज़िन्दगी के इस 44वें वर्ष में भी कई प्रतियोगितात्मक परीक्षाओं की तैयारी में रत हूँ । मैं कोई शॉर्टकट नहीं जानता!
××××
बहुमुखी प्रतिभा के धनी होना और एकमुखी प्रतिभा ही बना रहना! कौन आदर्श उदाहरण हैं ? मेरा मानना है, एक सूड़ (मुख) गणेश जी का है, जिनकी प्रथम पूजा होती है, जबकि बहुमुख (10 मुख) रावण का है, जिनका सिर्फ वध ही होता है !
××××
असली नेता व नेताजी के नाम से संबोधित एक ही व्यक्ति रहे हैं- “सुभाष चंद्र बोस” । उनकी ऊँचाई तक कोई भी नहीं पहुंच पाएंगे ! पहलवानजी श्री मुलायम सिंह यादव को किस कोण से किसने प्रथमबार नेताजी कहे होंगे ? तब सिर्फ चापलूसी रहा होगा!
××××
मनिहारी प्रखंड में 2 ऐसे गांव है, जो उदाहरणीय है, ‘नारायणपुर’ में ‘नारायण’ शब्द हिन्दू से जुड़ा है, किन्तु यहां अधिकांश मुस्लिम बिरादरी के लोग रहते हैं, जबकि गांव ‘मियाँपुर’ में शब्द ‘मियाँ’ मुस्लिम के प्रसंगश: जुड़ा है, किन्तु यहाँ की अधिकांश आबादी हिंदुओं की है । है न विचित्र, किन्तु सामाजिक सद्भाव लिए ऐसे गाँव! कई ऐसे नामकरण वाले और भी गाँव हो सकते हैं!
××××
ये स्वनामधन्य ‘हिन्दू’ प्राणी ‘इफ़्तार’ पर विशेष आयोजन करते हैं, किन्तु ऐसे भी मुस्लिम मित्र हैं, जो ‘सत्यनारायण पूजा’ में विशेष आयोजन करते हैं ! मेरी जानकारी में नहीं है, आपकी जानकारी में हो तो बताएंगे, क्योंकि ऐसे लोग सामाजिक सद्भावना के अत्युत्तम उदाहरण हैं!