बाल साहित्य

गोल गप्पे वाला

खालो जी खालो , गोल गप्पे खालो. आ गया जी आ गया गोल गप्पे वाला आ गया. ले लो जी ले लो दस रुपए में पांच गोल गप्पे ले लो.
मन भरके खालो. जायकेदार तीखे तीखे पानी वाले या सौंठ वाले मीठे मीठे खालो.
स्वाद है ऐसा कि खाते चले जाओगे.
न आए जायका तो पैसे न देना. सच सच बोलना झूठ न कहना.
पानी जितना चाहो उतना पीना. मुंह मीठा करने को आखिर में सौंठ भरा मीठा एक मिलेगा.
दस रुपए में पांच ले लो.

*ब्रजेश गुप्ता

मैं भारतीय स्टेट बैंक ,आगरा के प्रशासनिक कार्यालय से प्रबंधक के रूप में 2015 में रिटायर्ड हुआ हूं वर्तमान में पुष्पांजलि गार्डेनिया, सिकंदरा में रिटायर्ड जीवन व्यतीत कर रहा है कुछ माह से मैं अपने विचारों का संकलन कर रहा हूं M- 9917474020