कविता

जिंदगी एक पहेली है

अगर ये सच है

तो झूठ क्या है?
अगर प्रकाश सत्य है
तो अंधकार क्या है?
अगर सूर्य सत्य है
तो चांद क्या है?
अगर प्यार सत्य है
तो नफरत क्या है?
अगर मुक्ति सत्य है
तो मोह क्या है?
अगर आत्मा सत्य है
तो शरीर क्या है?
अगर संसार नश्वर है
तो ब्रह्माण्ड क्या है?
अगर मृत्यु सत्य है
तो जीवन क्या है?
इस झूठ सत्य की
परिधि में सिमटी जिंदगी
एक पहेली है!!!
—  विभा कुमारी “नीरजा “

*विभा कुमारी 'नीरजा'

शिक्षा-हिन्दी में एम ए रुचि-पेन्टिग एवम् पाक-कला वतर्मान निवास-#४७६सेक्टर १५a नोएडा U.P