जीवन के गीत सुनाता चल
आशा के दीप जलाता चल,
दुख में भी तू मुसकाता चल।
संकट के मेघ अगर छाएं,
रक्षा का कवच दिलाता चल।
करके खुद पे खूब भरोसा ,
जीवन के गीत सुनाता चल।
ये जीवन सपनों की माला ,
इसको श्रृंगार बनाता चल।
हितकारी पथ पर चल कर ही,
दुखियों के कष्ट मिटाता चल।
चुन के राह सदा सच वाली ,
सबसे तू प्रीत निभाता चल।
— महेंद्र कुमार वर्मा