लापरवाही खुशामदीद
पैसे, पद, पॉवर भी
रोगग्रस्त होने पर
धरी रह जाती है!
इन तीनों से
सौ साल की
स्वस्थ काया
नहीं लाई
जा सकती !
वृक्ष
ऊपर उठकर
शाखाएं,
टहनियां,
पत्ते लिए
आपस में
घुलमिल जाते हैं,
किन्तु आदमी
ऊपर उठते ही
किसी से
घुलते नहीं,
मिलते नहीं !
अपने देश में
चालीस लाख से
अधिक बच्चे
सिर्फ़ अभिभावकों की
लापरवाही के कारण
‘दिव्यांग’ हैं!