मान जाओ मुनव्वर राना
मिट्टी में दफन हो गई
भय सदैव
बरकरार रहे,
तभी सत्ता
कायम रह सकती है !
ईश्वर का भय,
सरकार का भय
या मौत का भय…
बड़े अरमानों से
मैंने भी एक वक़त,
खूब लगाई थी
क्रीम ‘फ़ेयर & लवली’,
किन्तु न तो मैं
‘फेयर’ हो सका,
और न ही अबतक
मिल पाई ‘लवली’ !
आपको चेहरे से भी
बीमार होना चाहिए,
इश्क़ है तो इश्क़ का
इज़हार होना चाहिए।
आओ मुनव्वर राना,
भाग जाओ कोरोना !