अरे वाह ! यह है क्या ?
अगर भारत सरकार
सबको घर में बंद
करवा सकते हैं,
पूजा-पाठ रुकवा सकते हैं,
तो जाति कुप्रथा को
खत्म क्यों न करा सकते ?
क्या पिछड़ी जातियों की पार्टी
और एससी एसटी पार्टी को लेकर
जातिवादी सीएम की
कल्पना से दूर हम
क्यों नहीं जा सकते हैं ?
अगर नहीं,
तो उधर क्यों
दिमाग लगाऊँ ?
किस मुँह से
विशेष राज्य का दर्ज़ा
माँग रहे हो प्यारे !
जब शिक्षकों के
विशेष वेतन के लिए
कोर्ट में जाकर
अड़ंगा लगा दिए सरकार !
धौनी है, तो राह है !
रोहित है, तो चाह है !
विराट है, तो याह है !
टीम इंडिया है,
तो वाह है !
सावन की पहली
सोमवारी
इसलिए दिल में
श्रद्धा रखिये,
क्योंकि देह लिए
अब भी है महामारी !
उस विद्युत सब-स्टेशन के
चालू हुए 6 वर्ष पूर्ण,
पर बिजली तो कटी रहती है !