अरमां
अरमानों की इस दुनिया में
क्या क्या अरमां हमने देखे
हर अरमां था बड़ा हसीं
कुछ टूटे कुछ बिखर गए
कुछ साकार हुए
टूटे अरमां हम रोए
हंसे जब वो साकार हुए
हंसने और रोने का
यह किस्सा सालों साल चला
अब हम न हंसते न रोते हैं
जबसे छोड़ दिए अरमां रखना
रब की मर्जी
जैसे रखें
अब अरमां रख के करना भी क्या
बची जिंदगी
दो चार दिनों की
ईश्वर की मर्जी समझ
जी लिए जाएं बचे हुए बाकी के दिन