आ-रक्ष-न
आप देशहित की बात कर रहे हैं या व्यक्तिहित की ! आप प्रबुद्धजन हैं, आपको इस सम्बंध में जानकारी होनी ही चाहिए- प्रथमत: आरक्षण क्या है ? ….और द्वितीयतः, आरक्षण में चिह्नित कोटियाँ ही निर्धारित क्यों हैं ?
देश में सर्वोपरि ‘संविधान’ है और संविधान में अजा (SC), अजजा (ST), अपिव (OBC) के लिए आरक्षण दिए जाने की चर्चा है, जिनमें कबतक के लिए- का कोई सीमा (वर्ष) निर्धारण नहीं है ?
संविधान कैसे बदले जाते हैं ? ….या उनमें कैसे संशोधन होंगे ?
सभी प्रक्रिया से हर प्रबुद्धजन अवगत होंगे, क्योंकि संसद के दोनों सदनों में 2/3 बहुमत के साथ आधे से अधिक राज्यों की सहमति से ही इसतरह के संशोधन कर सकते हैं, अन्यथा नहीं!
देशहित भी संविधानसम्मत है, यह भावना इसी से निःसृत है, इनसे परे नहीं ! व्यक्तिहित पर सोचना ही बेमानी है ! एक अजा (SC) के राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, उपप्रधानमंत्री, लोकसभाध्यक्षा बन जाने मात्र से सम्पूर्ण SC समाज के सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक सम्पन्नता और सुदृढ़ता की बात नहीं की जा सकती है !