/ बरसते हैं मेघ /
गरजते हैं मेघ
चारों ओर
घुमड़ -.घुमड़कर सारे आकाश में
फैल जाते हैं पागल होकर
बढ़ – बढ़कर
गरजते हैं मेघ
चम – चम चमकती बिजली
संकेत देती है
शीतलता मिलने से
जग की प्यास बुझाने
मेघ बरसेंगे टप – टप बूँदें बनकर
हर प्रणी में
नव चेतना लाते हैं
लोक मंगलकारी मेघ
नित निहारी हैं इस जग के।