क्षणिका

क्षणिका

पतझड़ का मौसम

देता उल्लास

आने वाला

है मधुमास।

अंजु गुप्ता ✍

************”

बरसों बरस/

जो “शिला” सम/

थी पितृसत्ता की जड़कन में/

आज उसी नारी को /

है अपना अस्तित्व /

तराशते देखा ।

अंजु गुप्ता ✍

*अंजु गुप्ता

Am Self Employed Soft Skill Trainer with more than 24 years of rich experience in Education field. Hindi is my passion & English is my profession. Qualification: B.Com, PGDMM, MBA, MA (English), B.Ed