भारतीय नागरिकता पाने हेतु प्रश्न-प्रतिप्रश्न ?
श्रीमती सोनिया गांधी से पूछिए, उन्हें भारत की नागरिकता कैसी मिली ? कब ली ? जबकि राजीव गांधी से उनकी शादी सम्भवत: 1966 में ही हुई थी ! किसी देश की नागरिकता ग्रहण करना, किराये के घर में रहने जैसी थोड़े ही है । संविधान का अवलोकन कीजिए।
जहां तक किराये के घर में रहने की बात है, अगर मकान मालिक रसीद दे रहे हों और यह लगातार 12 वर्ष (!) तक हो ? तभी संभव हो सकता है, वह घर उनका ! किन्तु मैंने ‘सकता’ लिखा !
…. पाकिस्तान के जेलों में कई वर्षों से भारतीय रह रहे हैं, तो पाकिस्तान का वह जेल उक्त भारतीय के हो जाएंगे क्या ? …और छिपकर ‘बजरंगी भाईजान’ उर्फ़ पवन द्विवेदी भी पाकिस्तान चले गए थे ? किसी अभियान में शामिल होने मात्र से कोई विदेशी ‘भारतीय नागरिक’ होने का दावा नहीं ठोक सकते !
अगर ऐसा होता, तो फणीश्वरनाथ रेणु नेपाल के भी नागरिक होते ! …. खान अब्दुल गफ़्फ़ार खान भारतीय नागरिक होते ! असम में घुसपैठिये ऐसा ही आरोप लगा ‘भारतीय नागरिक’ बनने को ठान लिए हैं ! जब बिहार-झारखंड परिसीमन का जिच 18 वर्षों से जारी है, तो बांग्लादेशी या बर्मी कम्पोस्ट यानी घुसपैठियों की क्या बिसात ?
अगर श्रीमान वाजपेयी जी अभी देश के प्रधानमंत्री होते, शिक्षकों को सम्मानजनक वेतन और पेंशन मिल जाते, क्योंकि वह खुद गरीब मास्टर का बेटा है । अभी देश के प्रधानमंत्री और बिहार के मुख्यमंत्री जो हैं, वो ‘गरीब मास्टर’ का बेटा नहीं है न ! जो इनके दर्द समझेंगे !
बिहार के मुख्यमंत्री शिक्षिका के पति रहे हैं, किन्तु अफसोस इन शिक्षकों के लिए वे सिफ़ारिश करती, परंतु वे आज इस दुनिया में नहीं हैं !
ऐसे में उप मुख्यमंत्री श्री सुशील मोदी जी को सोचने चाहिए, क्योंकि उनकी पत्नी भी तो शिक्षिका हैं, परंतु प्राइमरी नहीं !