बदलते ही आप के – बदल गैए तौर त़रीके भी ज़िनदगी के
रहे ना हम ज़मीन के – ना ही रहे इस ज़माने के
रहे नही आप भी हमारे – ना ही ख़ुदा भी हमारे नसीब में
रखा फिर भी हमेशा हम ने- क़रीब आप को हमारे दिल के
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रूह और ज़िनदगी में हमारी आप – बस चुके हैं इस क़दर
मोहबबत हमारी अब तो रहे गी – सादक़आप के लिये हमेशा ही
दवा हमारे दिल के दर्द की – नही है किसी और के पास
हज़ारों कोशिशों के बाद भी – ठीक नही हुए ज़ख़म हमारे दिल के
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क़दम रखते ही राहे वफ़ा – ग़म हज़ारों मिले हमारे दिल को
उलझी ही रही ज़िनदगी हमारी – ज़माने की उलझनों में
खेल यिह सारा है नसीबों का – ख़ता इस मे किसी की नही
वफ़ा फिर भी आप से जुदा – नही है हमारे दिल से
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वजा की कोई ज़रूरत नही है – ख़ुशी को पाने के लिये — मदन —
बुहत क़ीमत चुकाई है – लोगों ने मोहब्बत को पाने के लिये
हसती मिटा दी हम ने भी – वफ़ा फिर भी हम को मिली ही नही
आदत फिर भी बन गैई है हमारी – हमारे नादान दिल को लगाने की