एवरेस्टीय सफ़र
अंग्रेजी भाषा और साहित्य में स्नातकोत्तर; प्रकृति व पुस्तक -प्रेमी; आंतरिक और बाह्य सौंदर्यता की वाहिका, जिनमें सरस्वती और वीनस साथ-साथ दिखेंगी !….तो अपनी बात साफ़गोई से रखनेवाली व बच्चों के बीच लोकप्रिय; शिक्षा को पैशन की तरह लेनेवाली; पर्यटन और फैशनेबल परिधान में रुचि रखनेवाली अंग्रेजी की शिक्षिका सुश्री शीतल चंद्रा के हाथों पुस्तकद्वय ‘पूर्वांचल की लोकगाथा गोपीचंद’ और ‘लव इन डार्विन’ !
….शिष्य भी एक उम्र में आकर गुरु की बराबरी कर मित्र हो जाते हैं और मित्रता में क्या लघुता ? क्या गुरुता ? हृदयश: आभार शीतल जी ! अगर समय मिले, तो आपके पास इन दोनों के लिए अनुवाद का अवसर है !
सिर्फ़ गोरे होने, सुंदर कपड़े पहनने, कीमती साबुन-शैम्पू से नहाने से सभ्य नहीं हो जाते, इसके लिए तो दिल में उतरने होंगे !
कई स्थापित शैक्षणिक संस्थानों में अंग्रेजी अध्यापन से लेकर अंततोगत्वा इंटरस्तरीय विद्यालय में शिक्षिका श्रीमती नेहा कुलकर्णी, जो अंग्रेजी में स्नातकोत्तर और शिक्षा स्नातक हैं। फ़िलवक्त एम एड व एम फिल करने के प्रति औत्सुक्य हैं !
कटिहार, बिहार के एक आदरणीय स्वतंत्रता सेनानी की पौत्री नेहा जी छात्राओं के बीच ख़ासे लोकप्रिय हैं। नेहा मैडम के हाथों पुस्तकद्वय ‘पूर्वांचल की लोकगाथा गोपीचंद (शोध)’ और ‘लव इन डार्विन (नाट्य पटकथा)’…. स्नेहिल आभार और सादर प्रणाम !
गुलजार सा हब कहते हैं- डर लगता है उनलोगों से, जिनके दिल में भी दिमाग होते हैं !
झारखंड (प. सिंहभूम) के राष्ट्रीय स्तरीय चित्रकार श्री हरिश्चन्द्र महतो, जो पलक झपकते ही किसी के श्वेत-श्याम फ़ोटो को पेंसिल से A4 साईज़ पेपर पर उतार डालते हैं, तो किसी भी विहंगम दृश्य को कुछ ही मिनटों में कैनवास में उकेर डालते है ! वे इसके साथ ही शिक्षा स्नातक हैं, तो राष्ट्रीय स्तर के हिंदी निबंध प्रतियोगिताओं में अव्वल भी आए हैं ! वे थल, जल, वायु सहित कई पर्वतीय क्षेत्रों की यात्रा भी कर चुके हैं ! पुस्तकद्वय ‘पूर्वांचल की लोकगाथा गोपीचंद (शोध)’ और ‘लव इन डार्विन (नाट्य पटकथा)’ के साथ चित्रकार श्री हरिश्चंद्र जी । बहुत-बहुत आभार। आप अपने ‘मिशन’ के चरमोत्कर्ष तक जाइये और चित्रकारिता के एवरेस्ट पर ‘राष्ट्रध्वज’ फहरा ही डालिये! पुनश्च आभार और सादर धन्यवाद !