75वें स्वाधीनता दिवस की शुभकामनाएं
75वें स्वाधीनता दिवस की सुंदरतम शुभ ‘रवि’ कामनाएँ ! मैं स्वाधीनता सेनानी का पौत्र हूँ, मेरे पिताजी का जन्म भी गुलाम भारत में हुआ था । मेरा जन्म आज़ाद भारत के 28वें वर्ष में हुआ, तब आपातकाल लिए पूर्वाभ्यास चल रहा था ।
राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी ने आज़ादी दिलाई, सरदार पटेल ने देश को एकता में जीना सिखाया, चाचा नेहरू ने हमें कुटीर उद्योग से बड़े उद्योग की ओर ले गए, ये सब संविधान प्रारूप समिति के अध्यक्ष डॉक्टर अम्बेडकर के सुफल प्रयास से हुए !
…..और भी अनगिनत सेनानियों सहित वीर सैनिकों, कृषकों, विज्ञानियों को सादर-सुमन अर्पित करते हुए भारत रत्न श्री अटल बिहारी वाजपेयी की कवितांश को यहाँ उद्धृत करते हैं-
“भारत सिर्फ़ जमीन का टुकड़ा भर नहीं,
जीता-जागता राष्ट्र-पुरुष है ।
भारत वंदन की भूमि है,
अभिनंदन की भूमि है ।
यह अर्पण की भूमि है,
तर्पण की भूमि है ।
यहाँ कण-कण में गंगाजल है,
यहाँ के कंकड़-कंकड़ शंकर है।
हम जीयेंगे, तो भारत के लिए,
मरेंगे तो, भारत के लिए ।
मरने पर भी हमारी प्रवाहित अस्थियाँ को अगर कोई,
कान लगाकर सुने, तो एक ही आवाज़ आएगी-
‘भारत माता की जय’, ‘भारत माता की जय’ ।”
पुनश्च, 75 वें स्वाधीनता दिवस की शुभ ‘रवि’ कामनाएँ, वैसे रविवार भी जो है आज !