आए याद उसूल
जीवन में मिलते रहे ,सुख दुख वाले फूल ,
एक बार कंटक मिला ,आए याद उसूल।
कैसे कह दूँ बोलिये ,कब आओगे मीत ,
वो तो मेरे मन बसे ,बन जीवन संगीत।
थोड़े में करना भगत ,जीवन का निर्वाह ,
ये मंदी के हैं दिवस,कर धन की परवाह।
फ़ोकट में सब चाहते ,बड़ी सफलता मीत.
इसीलिए बजता रहा ,घोटाला संगीत।
जीवन को समझो सदा,बस इक मायाजाल .
जो इससे जूझा नहीं, उसका आया काल।
— महेंद्र कुमार वर्मा