प्राचीन धरोहर “देवरा महादेव
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देवरा महादेव में जो शिव लिंग है वह सेंड स्टोन अर्थात बलुआ पत्थर का बना हुआ है, जो आस पास के ही कुक्षी ग्रामीण या मांडव क्षेत्र से लाकर स्थापित किया गया। इसके निर्माण में उपयोग किए गए पत्थर इसी क्षेत्र के है, तथा इस मंदिर के निर्माण में जो प्लान दिखाई देता है, वह विशेष कर भारत के 2 ही मंदिरों में देखने को मिलता है एक भोपाल के पास भोजपुर स्थित शिव मंदिर व दूसरा यहां देवरा स्थित महादेव मंदिर में दिखाई पड़ता है। जीवाश्म वैज्ञानिक व इतिहास के जानकार व जीवाश्म विशेषज्ञ प्रो. विशाल जी वर्मा ने बताया कि यह मंदिर जिस प्रकार बना इससे यह स्पष्ट होता है कि मंदिर को जमीन के स्तर से ऊपर उठाकर बनाया गया। क्योंकि शिव मंदिर में लिंग का संबन्ध या तो पाताल से होता है या फिर नींव को बहुत अधिक ऊंचाई देकर ही शिव लिंग की स्थापना की जाती है। देवरा महादेव मंदिर में इस बात का ध्यान रखा गया है, साथ ही वास्तु अनुरूप इसमें दिव्य कलश भी स्थापित किए गए।
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आज वर्तमान में देवरा महादेव मंदिर जर्जर अवस्था में है, एक एक करके पाषाण शिलाएं गिर रही है, मंदिर का चबूतरा ऊपर से खुल चुका है, अत्यंत आवश्यक है आज देवरा महादेव जैसे अति प्राचीन धरोहरों के रक्षण व पुनर्निर्माण की। क्योंकि यही हमारे गौरवशाली इतिहास का प्रमाण है।
(आलेख में देवरा महादेव का वर्तमान चित्र संलग्न है)
— मंगलेश सोनी