अपराधबोध
‘पति’ शब्द से
अहंकारबोध होता है,
चाहे करोड़पति हो,
लखपति हो,
निशा पति हो,
उमा पति हो,
कोई आपत्ति हो
या राष्ट्रपति ही
क्यों ना हो?
तुम्हारे प्यार में मैं
वापस भी आया,
तो क्या गारंटी है,
तुम फिर से मुझे
धोखा नहीं दोगी ?
किसी पर विश्वास
इतना अधिक करो
कि वह तुमसे
छल करते वक्त
स्वयं को दोषी
अवश्य समझे !
हम न अमेरिका हैं,
न अम्बानी !
नियोजित ‘बिहारी’
भारतीय हैं !
महिलाएँ गैर-मर्दों को
चूना क्यों लगाती हैं,
कोई बताएँगे ?
जहर से भी
जहरीला खाना
‘धोखा’ है !