दो क्षणिकाएं
नाचो
नाचो कि रश्मियों का राग गाकर सूर्य नाच रहा है,
चंद्रमा अपनी शीतल किरणों से खुशी की कथा बांच रहा है,
धरती झूम रही है अपने बच्चों को नाचकर खुश होते देखकर,
पत्ता-पत्ता, डाली-डाली, तालियां बजाकर झूम-नाच रहा है.
— लीला तिवानी
नृत्य
जीवन एक नृत्य है जिसमें,
सूरज गाना गाता है,
चंदा तबला बजाता है,
लाखों तारे दर्शक होते हैं,
और पृथ्वी संगीत देती है.
— लीला तिवानी