कविता

ये दुनिया धोखेबाज है

ये दुनिया धोखेबाज है ,
सहित्य ने मुझे धोखा दिया ,
विज्ञान ने मुझे धोखा दिया ,
शिक्षा ने मुझे धोखा दिया ,
ये दुनिया धोखेबाज हैं !
दोस्तों ने मुझको धोखा दिया ,
प्रेमिका ने मुझको धोखा दी ,
बहनों ने मुझको धोखा दिया ,
ये दुनिया धोखेबाज हैं !
सूर्य ने मुझको धोखा दिया ,
चाँद ने मुझको धोखा दिया ,
तारो ने मुझको धोखा दिया ,
ये दुनिया धोखेबाज हैं !
खुशी ने मुझको धोखा दिया ,
गम ने मुझको धोखा दिया ,
सांसो ने मुझको धोखा दिया ,
ये दुनिया धोखाबाज हैं !
जन्म ने मुझको धोखा दिया ,
मौत ने मुझको धोखा दिया ,
ज़िंदगी ने मुझको धोखा दिया ,
ये दुनिया धोखेबाज हैं !
पखुङीयो ने मुझको धोखा दिया ,
कलियो ने मुझको धोखा दिया ,
फुलो ने मुझको धोखा दिया ,
ये दुनिया धोखेबाज हैं !
ऋतुओ ने मुझको धोखा दिया ,
महीनो ने मुझको धोखा दिया ,
सप्ताहो ने मुझको धोखा दिया ,
ये दुनिया धोखेबाज हैं !
गुलाबो ने मुझको धोखा दिया ,
चमेली ने मुझको धोखा दिया ,
रात-की-रानी ने मुझको धोखा दिया ,
ये दुनिया धोखेबाज हैं !
रिति – रिवाजो ने मुझको धोखा दिया ,
धर्मो ने मुझको धोखा दिया ,
पंथो ने मुझको धोखा दिया ,
ये दुनिया धोखेबाज हैं !
मंदिरो ने मुझको धोखा दिया ,
मस्जिदो ने मुझको धोखा दिया ,
गुरुद्वारो ने मुझको धोखा दिया ,
ये दुनिया धोखेबाज हैं !
कविताओ ने मुझको धोखा दिया ,
गजलो ने मुझको धोखा दिया ,
कहानियो ने मुझको धोखा दिया ,
ये दुनिया धोखेबाज हैं !
हर जगह धोखा ही धोखा ,
बिकता रहता हैं !
– रुपेश कुमार

रूपेश कुमार

भौतिक विज्ञान छात्र एव युवा साहित्यकार जन्म - 10/05/1991 शिक्षा - स्नाकोतर भौतिकी , इसाई धर्म(डीपलोमा) , ए.डी.सी.ए (कम्युटर),बी.एड(फिजिकल साइंस) वर्तमान-प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी ! प्रकाशित पुस्तक ~ *"मेरी कलम रो रही है", "कैसें बताऊँ तुझे", "मेरा भी आसमान नीला होगा", "मैं सड़क का खिलाड़ी हूँ" *(एकल संग्रह) एव अनेकों साझा संग्रह, एक अंग्रेजी मे ! विभिन्न राष्ट्रीय पत्र-पत्रिकाओ मे सैकड़ो से अधिक कविता,कहानी,गजल प्रकाशित ! राष्ट्रीय साहित्यिक संस्थानों से सैकड़ो से अधिक सम्मान प्राप्त ! सदस्य ~ भारतीय ज्ञानपीठ (आजीवन सदस्य) पता ~ ग्राम ~ चैनपुर  पोस्ट -चैनपुर, जिला - सीवान  पिन - 841203 (बिहार) What apps ~ 9934963293 E-mail - - [email protected]