कविता
अदब से दुनिया वाले तुम्हारी, नेक दिली पर शीश नवाते हैं,
रखते हो तुम जहाँ कदम वहां फूल बिछ जाते हैं ,
विधाता ने दी है तुम्हें वो शक्ति, गैर भी तुम्हारे गुण गाते हैं,
न्यारी है सबसे शान तुम्हारी , हम गर्व से सबको बतलाते हैं,
दर पर आपके आने वाले, खुशियों की झोली भर ले जाते हैं,
कुछ तो ख़ास है तुम में जो सब तुम्हें इतना प्यार करते हैं,
मानते हैं सब तुम्हे अपना हितैषी, इस दोस्ती का दम भरते हैं,
रखते हैं तुम्हे अपने दिल में, और जी जान से तुम पर मरते हैं,
भाई बहनो और परिजनों को सदा तुमने पूरा सम्मान दिया है,
टिक नहीं पता दुश्मन कोई ऐसा इस परिवार को मान दिया है,
यारों की महफ़िल में छा जाते हो, खुशियों का सामान दिया है,
जन्मदिन में मिला है, आशीष सबका, प्रभु ने ऐसा वरदान दिया है,
— जय प्रकाश भाटिया