संस्मरण

खुशबू का चुनावी सफर

“शिक्षक, विद्यार्थी, व्यवसायी, मजदूर हो या किसान,
दादा-दादी, चाचा-चाची, भैया-भाभी या नौजवान।
सालों से शिक्षा फैला रहे , आपके घर की खुशबू हूँ,
मैं तो फूलों की नहीं, आपके आँगन की खुशबू हूँ।”
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…..पंचायत समिति निर्वाचन क्षेत्र के सभी आदरणीय/आदरणीया मतदाताओं से विनम्र “अपील”
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अपना बिहार 22 मार्च 1912 को अस्तित्व में आया, फिर 1936, 1947, 1956 और अंतत: 2000 में बिहार का विभाजन हुआ। बिहार की वर्त्तमान मानचित्र 15 नवम्बर 2000 से है और पंचायती राज अंतर्गत चुनाव भी 15 नवम्बर 2021 को है, वहीं नूतन ‘बिहार’ में पहला पंचायत चुनाव 2001 में हुआ था और तब …..पंचायत समिति के आदरणीय/आदरणीया मतदाताओं ने सबसे युवा पंचायत समिति सदस्य के रूप में श्री तरुण को भारी मतों से विजयी बनाए थे। वर्ष 2016 से पं.स.स. पद महिला उम्मीदवारों के लिए आरक्षित है, तब श्री….. की पत्नी श्रीमती खुशबू इस पद के लिए शानदार टक्कर दी थी, तब आप मतदाताओं का आशीर्वाद कुछ कम रह गया था। इसबार फिर वे इस पद हेतु उम्मीदवार बनी है और उसे आशीर्वाद देने में किसी प्रकार की कंजूसी नहीं करेंगे।

नवाब शौक़तजंग के बसाए नवाबगंज की पुनीता माटी ने कई रत्नों को जन्म दिए हैं, जिनमें स्वतंत्रता सेनानी हैं, गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड धारक हैं, प्रतिष्ठित राजनीतिज्ञ, खिलाड़ी, साहित्यकार, शिक्षक इत्यादि हैं। प्रतिष्ठित शिक्षकों में शुमार श्री….. “टीचिंग सेंटर” के माध्यम से नवाबगंज पंचायत में कई वर्षों से निर्धन छात्र-छात्राओं को न्यूनतम शुल्क में शिक्षा दे रहे हैं। लॉकडाउन की अवधि में मुफ्त शिक्षा प्रदान किया। श्रीमती खुशबू जब श्री…. की विवाहिता बनकर आयी, तब से वे इस टीचिंग सेंटर को अभिभावकत्व प्रदान कर रही हैं। …..पंचायत समिति पद की उम्मीदवार श्रीमती खुशबू की शिक्षा एम.ए., बी.एड. है और अन्य सभी उम्मीदवारों से वे उच्च शिक्षित है।

श्री…. ने वर्ष 2001 से 2006 के बीच युवा पंचायत समिति सदस्य के रूप में कुछ सड़क निर्माण सहित कल्भर्ट का निर्माण कार्य कराए, उपलब्ध फंड से चापाकल का वितरण कराए, पक्के कुएँ सहित जरूरतमंदों के बीच कम्बल वितरण कराए। अब शिक्षा सहित ऐसे कार्यों को आगे बढ़ाने के लिए श्रीमती खुशबू को अपना बहुमूल्य वोट रूपी ‘आशीर्वाद’ प्रदान करने के लिए उनके चुनाव-चिह्न “…..” छाप (क्रम संख्या….) पर ईवीएम का बटन दबाकर उन्हें भारी मतों से विजयी बनाएँ।

“मैं तो फूलों की नहीं, आपके घर-आँगन की खुशबू हूँ।”

निवेदक :-

हम हैं शुभचिंतक मतदातागण
…….पंचायत समिति।

डॉ. सदानंद पॉल

एम.ए. (त्रय), नेट उत्तीर्ण (यूजीसी), जे.आर.एफ. (संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार), विद्यावाचस्पति (विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ, भागलपुर), अमेरिकन मैथमेटिकल सोसाइटी के प्रशंसित पत्र प्राप्तकर्त्ता. गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स होल्डर, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स होल्डर, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, RHR-UK, तेलुगु बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, बिहार बुक ऑफ रिकॉर्ड्स इत्यादि में वर्ल्ड/नेशनल 300+ रिकॉर्ड्स दर्ज. राष्ट्रपति के प्रसंगश: 'नेशनल अवार्ड' प्राप्तकर्त्ता. पुस्तक- गणित डायरी, पूर्वांचल की लोकगाथा गोपीचंद, लव इन डार्विन सहित 12,000+ रचनाएँ और संपादक के नाम पत्र प्रकाशित. गणित पहेली- सदानंदकु सुडोकु, अटकू, KP10, अभाज्य संख्याओं के सटीक सूत्र इत्यादि के अन्वेषक, भारत के सबसे युवा समाचार पत्र संपादक. 500+ सरकारी स्तर की परीक्षाओं में अर्हताधारक, पद्म अवार्ड के लिए सर्वाधिक बार नामांकित. कई जनजागरूकता मुहिम में भागीदारी.