संविधान
मैं जन – गण – मन का अरमान हूँ
हिन्दुस्तान का सम्मान , अभिमान हूँ ।
गणतंत्र,स्वतंत्रता,समानता का पोषक
हॉ …मैं ही भारत का संविधान हूँ ।।
मैं लाल किले का सम्मान हूँ
डॉ.भीमराव अंबेडकर की रचना हूँ ।
समान कानून,मौलिक अधिकार
देने वाला मैं ही भारत का संविधान हूँ ।।
मैं सभी धर्मों,संप्रदायों का मान हूँ
अपनी माँ भारती का विधान हूँ ।
सारा जग करता मेरा सम्मान
हां.. मैं ही भारत का संविधान हूँ ।।
मैं न्याय , शिक्षा का प्रावधान हूँ
इसलिए सारे जग में मैं महान हूँ ।
देश का गणतंत्र पर्व कहलाया
हां मैं ही भारत का संविधान हूँ ।।
— गोपाल कौशल ” भोजवाल “