मन का तमस
जलें हो दीप जब मन के
बाहर भी दिखती हैं
जलती दीपमालाएं
बुझे हो दीप जब मन के
बाहर का उजियारा भी
दिखता घोर अंधियारा
उठो चलो जलाएं
दीप मन के
मिटे तमस मन का
झिलमिलाता नजर आए
बाहर भी उजाला
जलें हो दीप जब मन के
बाहर भी दिखती हैं
जलती दीपमालाएं
बुझे हो दीप जब मन के
बाहर का उजियारा भी
दिखता घोर अंधियारा
उठो चलो जलाएं
दीप मन के
मिटे तमस मन का
झिलमिलाता नजर आए
बाहर भी उजाला