सांसों का आरोह अवरोह
धड़कती नब्ज
सांसों का
आरोह अवरोह
देख कर लगता है
जिंदा है आदमी
हां इससे तो यही लगता है
जिंदा है आदमी
पर धड़कती नब्ज
सांसों के आरोह अवरोह के बाबजूद भी
मर चुका है इंसान
नब्ज और सांसों के चलने से
देह तो अवश्य जीवित है
पर आत्मा की हो चुकी है मौत