अकेलापन
“दादी! क्या आप को भी डिसिप्लिन सीखने की जरूरत है?” हॉस्टल से घर आई आठ वर्षीया रूपाली, अपनी दादी का हाथ अपने नन्हें हाथों में लेते हुए बोली।
“क्यों बिटिया, ऐसा क्यों बोल रही हो ?” रूपाली को गले लगाती हुई दादी बोली।
“फिर मम्मी पापा से आपको वृद्धाश्रम भेजने की बात क्यों कर रही थीं?” हॉस्टल का अकेलापन रूपाली की मासूम आंखों से रिसने लगा था ।
— अंजु गुप्ता