/ हम और हमारी दुनिया /
हर जगह हम
एक जैसा चल नहीं पाते
कि रास्ते में
कंकड – पत्थर, काँटे भी होते हैं
रास्ता हर समय
साफ़ नहीं होता
कहीं उतार है तो कहीं चढ़ाव
रूक रूककर चलना पड़ता है हमें
कभी रात की अंधेरे में,
कभी दिन के उजाले में
जिंदगी एक यान है
जाने – अनजाने से
एक दूसरे के साथ अभियान है।
अलग की दुनिया में
अंतरंग की पुकार हम सुनते हैं
विशाल शून्य के आकाश में
असलियत का अहसास कराने में
एक दूसरे के साथ
हर साँस में चलते हैं
जहाँ हम बोल नहीं पाते,
वहाँ हमारे अक्षर बोलते हैं
समता स्थापित करने में
अपना प्राण जोड़ते हैं
जग के विशाल तत्व में
एकता के सूत्र में बाँधते हैं।