कविता

कविता – बिजली ले लो पानी ले लो

बिजली ले लो पानी ले लो।
मुफ्तो-मुफ्त कहानी ले लो।
दूध दही भी साथ मिलेगा।
पूरे ही पांच साल मिलेगा।
मटकी साथ मथानी ले लो।
मुफ़्तो-मुफ़्त कहानी ले लो।
बेशक बीच बुढ़ापे में हो।
आयु बीच स्यापे में हो।
फिर से एक जवानी ले लो।
मुफ़्तो-मुफ़्त कहानी ले लो।
साड़ी सूट दुप्पटा मखमल।
लैपटाप स्कूटर साईकल।
सोने की एक गानी ले लो।
मुफ़्तो-मुफ़्त कहानी ले लो।
कुंदन के दाम चल जाएगी।
पारस अन्दर ढल जाएगी।
खोटी एक चव्वानी ले लो।
मुफ़्तो-मुफ़्त कहानी ले लो।
रिश्वत ठग्गी चोर बाजारी।
मुफ़्त सफर की बस है सारी।
सच्च में र्बईमानी ले लो।
मुफ़्तो-मुफ़्त कहानी ले लो।
खुल्लम-खुल्ला मटरगश्ती।
शहर के अन्दर फ़िरकापरस्ती।
घर-घर में शैतानी ले लो।
मुफ़्तो-मुफ़्त कहानी ले लो।
हस्त रेखाएं भी बदलेंगे।
धूप और राहें भी बदलेंगे।
सच्ची भविष्य वाणी ले लो।
मुफ़्तो-मुफ़्त कहानी ले लो।
सुन्दर आंखें मटकाने के लिए।
लम्बा काजल पाने के लिए।
खालिस काजलदानी ले लो।
मुफ़्तो-मुफ़्त कहानी ले लो।
बाद में हक की बातें करना।
पहले शुरू करवाना धरना।
लोगों की कुर्बानी ले लो।
मुफ़्तो-मुफ़्त कहानी ले लो।
नशा कभी बंद नहीं होना।
माताओं पुत्र खो कर रोना।
वोटों बीच नादानी ले लो।
मुफ़्तो-मुफ़्त कहानी ले लो।
दल बदलो और कुर्सी पाओ।
लोगों को ख़ूब मूर्ख बनाओ।
जैसे भी प्रधानी ले लो।
मुफ़्तो-मुफ़्त कहानी ले लो।
नेताओं को बंगले देंगे।
निर्धन को झौंपड़ रंगले देंगे।
हमारी मेहर बानी ले लो।
मुफ़्तो-मुफ़्त कहानी ले लो।
यदि यह देश बचाना चाहो।
‘बालम’ के संग सारे आओ।
गुरूयों वाली बाणी ले लो।
सच्च की एक कहानी ले लो।
— बलविन्दर ‘बालम’

बलविन्दर ‘बालम’

ओंकार नगर, गुरदासपुर (पंजाब) मो. 98156 25409