तन्हा तन्हा
जिंदगी कितनी तन्हा हो गई
साजो सामानों से तो लेबलेज है
पर दिल बहलाने को कोई साज नहीं
कौन सा साज सुने
साजो में अब वोह धड़कन नही
बहलाता नही कोई सागर अब दिल को
भटकता है दिल
चाहत सकून को
अब तो करार आए शायद
यहां से रुखसत होने के बाद
जिंदगी कितनी तन्हा हो गई
साजो सामानों से तो लेबलेज है
पर दिल बहलाने को कोई साज नहीं
कौन सा साज सुने
साजो में अब वोह धड़कन नही
बहलाता नही कोई सागर अब दिल को
भटकता है दिल
चाहत सकून को
अब तो करार आए शायद
यहां से रुखसत होने के बाद