कविता

हमारा गणतंत्र

जय-जय हो भारत राष्ट्र की
जय – जय हो हिंदुस्तान की ।
जय  जवान  – जय किसान
जय – जय  हो  विज्ञान  की ।।
स्वागत- वंदन-अभिनंदन है
जयकार हमारे गणराज की ।
हर्षित है जन – मन चहुँओर
गणतंत्र शान है हिंदुस्तान की ।।
जय हो छब्बीस  जनवरी  की
जय हो राष्ट्रीय पर्व के गर्व की ।
तिरंगे के खातिर लगा दे जहां
सपूत  बाजी  अपनी जान की ।।
सारा जहाँ गुण गाता जिसकी
हम संतान है ऐसे हिंदुस्तान की ।
अब शिक्षा,स्वच्छता में भी बनें
हम विश्वगुरु बात है सम्मान की ।।
— गोपाल कौशल ” भोजवाल “

गोपाल कौशल "भोजवाल"

नागदा जिला धार मध्यप्रदेश 99814-67300