कविता

अर्थ

बोलों में
खामोशियों में
करनी में
भरनी में
स्नेह में
अपनत्व में
पीड़ा में
मोह में
भय में
भीड़ में
तन्हाई में
कहने में
सुनने में
जीत में
हार में
जीवन में
मरण में
कैसे भेदे
कोई छुपे
अर्थ को
कोई क्या कहता है
कोई क्या करता है
कोई क्या पाता है
कोई क्या खोता है
सब है परे
निहित अर्थों में
क्योंकि शब्द, भाव
अक्सर छल सकते हैं
अपने निहित सत्य से
बहुत मुश्किल है भेदना
अर्थ को
छुपे इन भाव , एहसास , शब्द
भंगिमाओं में
जो अक्सर छल जाते हैं बड़ी ही चतुराई से।।
….मीनाक्षी सुकुमारन

मीनाक्षी सुकुमारन

नाम : श्रीमती मीनाक्षी सुकुमारन जन्मतिथि : 18 सितंबर पता : डी 214 रेल नगर प्लाट न . 1 सेक्टर 50 नॉएडा ( यू.पी) शिक्षा : एम ए ( अंग्रेज़ी) & एम ए (हिन्दी) मेरे बारे में : मुझे कविता लिखना व् पुराने गीत ,ग़ज़ल सुनना बेहद पसंद है | विभिन्न अख़बारों में व् विशेष रूप से राष्टीय सहारा ,sunday मेल में निरंतर लेख, साक्षात्कार आदि समय समय पर प्रकशित होते रहे हैं और आकाशवाणी (युववाणी ) पर भी सक्रिय रूप से अनेक कार्यक्रम प्रस्तुत करते रहे हैं | हाल ही में प्रकाशित काव्य संग्रहों .....”अपने - अपने सपने , “अपना – अपना आसमान “ “अपनी –अपनी धरती “ व् “ निर्झरिका “ में कवितायेँ प्रकाशित | अखण्ड भारत पत्रिका : रानी लक्ष्मीबाई विशेषांक में भी कविता प्रकाशित| कनाडा से प्रकाशित इ मेल पत्रिका में भी कवितायेँ प्रकाशित | हाल ही में भाषा सहोदरी द्वारा "साँझा काव्य संग्रह" में भी कवितायेँ प्रकाशित |