दुग्धपान करानेवाले पिता
भारत में दुग्ध क्रांति के जन्म, परंतु जिसे दूध पीना अच्छा नहीं लगता था और पुरुष होकर भी जिन्होंने हम भारतीयों के लिए ‘दूध’ पान कराए ! 26 नवम्बर [1921] यानी भारत में दुग्ध क्रांति व श्वेत क्रांति के जनक व Father का जन्मदिवस है। सादर शुभकामनाएं !
एक व्यक्ति जो केरल में जन्म लेता है, अमेरिका में पढ़ाई करता है और उसमें भी इंजीनियर बनता है तथा लोहे-बखेड़े की झंझट और अपनी जन्मभूमि से दूर आनंद (गुजरात) में ‘डेयरी’ संचालन कर बैठता है । वर्ष 1949 में यह शख़्स गुजरात आता है, यह भारतीय संविधान का जन्मवर्ष है और 26 नवम्बर उनका जन्मदिवस है, जो कि ‘संविधान दिवस’ के रूप में अभिहित है।
वह व्यक्ति है ‘वर्गीज़ कुरियन’ । जिसने भारत में दूध की नदियाँ बहा दी । यह ‘अमूल’ मैन पहले तो दुग्ध उत्पादन में भारत को दूसरे स्थान तक पहुंचाया, फिर पूरी दुनिया में ‘प्रथम’ स्थान तक पहुंचाया । भारत सरकार ने ऐसे शख़्स को सभी पद्म सम्मानों से विभूषित किया, यथा- पद्मश्री, पद्म भूषण, पद्म विभूषण।
ध्यातव्य है, स्तनपान तो ‘माता’ कराती हैं, परंतु यह शख़्स तो पुरुष होकर ‘दुग्ध क्रांति’ के जनक (पिता) हो गए । इतना ही नहीं, भारत में दूध की नदियाँ बहानेवाले कुरियन साहब को ‘दूध’ पीना अच्छा नहीं लगता था , यह अजीब बात हो सकती है। उन्हें अपने कर्मभूमि गुजरात से इतना प्रेम हो गया था कि उनके निधन पर उनके इच्छानुसार उनका अंतिम संस्कार 2012 में गुजरात में ही किया गया।