हेलो फेसबुक संगीत सम्मेलन
मंडला-“लता जी भारत की आवाज़ थीं।पद्मश्री से लेकर भारत रत्न तक के समस्त सम्मान,अवार्ड प्राप्त करने वाली सरस्वती स्वरूपा कोकिल कंठी गायिका लता मंगेशकर जी 6 फरवरी 2022 को इस दुनिया से महाप्रयाण कर गईं।वे सच्ची सुर साधिका थीं,समर्पित गायिका थीं,संगीत उनके अंतर्मन में बसा था।वे सुर,लय,ताल की बेजोड़ स्वामिनी थीं।उन्हें अनंत श्रद्धांजलि।”
कोयल की कूक सदा के लिए शांत हो गई, लता मंगेशकर के गुजर जाने के बाद ! लेकिन ऑक्सीजन, पानी, हवा, ईश्वर, सुगंध की तरह हम उनकी आवाज का अहसास जिंदगी भर करते रहेंगे, इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता l”
ये उद्गार मप्र के सुप्रसिद्ध साहित्यकार व संगीतप्रेमी कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ शरद नारायण खरे (म.प्र)ने भारतीय युवा साहित्यकार परिषद के तत्वावधान में, फेसबुक के ” अवसर साहित्यधर्मी पत्रिका ” के पेज पर ” हेलो फेसबुक संगीत सम्मेलन “में व्यक्त किए।
अपना डायरीनामा पढ़ते हुए संस्था के अध्यक्ष सिद्धेश्वर ने उपरोक्त उद्गार व्यक्त करते हुए कहा कि-” हर लोगों की एक ही आवाज है संगीत की देवी थीं लता मंगेशकर l एक ही चांद है , एक ही सूरज है, एक ही धरती है और एक ही है लता मंगेशकर l लता मंगेशकर जैसी कलाकार सदियों में एक बार आती हैं l पूरी दुनिया में हमारे देश का नाम रोशन किया है लता मंगेशकर ने l लता मंगेशकर को श्रद्धांजलि देते हुए हम आज का हेलो फेसबुक संगीत सम्मेलन आयोजित कर रहे हैं और उनके प्रति अपनी श्रद्धांजलि दे रहे हैं l”
अपूर्व कुमार ( हाजीपुर ) ने कहा कि -” बसंत की शुरुआत में ही यह क्या हो गया ? संगीत की बगिया का सबसे सघन और पुष्पमय वृक्ष जिससे बगिया में हर क्षण बसंत बना रहता था,आज हमेशा के लिए विदा हो गया!लेकिन उस वृक्ष ने संगीत रूपी जो अलौकिक दिव्य पुष्प दिए हैं वो कभी मुरझाने वाले नही !”
लता मंगेशकर के निधन पर अपनी शोक संवेदना प्रकट करते हुए ऋचा वर्मा ने कहा कि -” इस बार कैसा बसंत आया कि मां सरस्वती के वीणा के मधुर स्वर कुछ क्षण के लिए ठहर से गए ।एक आवाज जिसे पूरे विश्व मे ‘भारत की नाईटिंगल’ कहा जाता है,झ जिसे हम ‘स्वर कोकिला’ कहते हैं , जिसने हमारी झकई पीढ़ियों को फिल्मों के सुरुचि पूर्ण गीतों से मंत्रमुग्ध किया हम सबकी प्यारी ,सरस्वती की प्रिय पुत्री भारतरत्न ,पद्म भूषण, पद्म विभूषण लता मंगेशकर , हमसे रूठ कर अपनी वाणी को सदा के लिए विराम दे गईं ,ब्रह्म में विलीन हो गईं। “
लता मंगेशकर के निधन पर श्रद्धांजलि देते हुए उनके द्वारा गाए गीतों को अपने स्वर में प्रस्तुत किया गया l मुकेश कुमार ठाकुर ( म.प्र.) ने -” फूल तुम्हें भेजा है खत में, खत नहीं मेरा दिल है !”/राकेश मिश्रा और ऋतु मिश्रा ने – ” रिमझिम बरसता सावन होगा ” फिल्मी गीत तथा शास्त्रीय संगीत की प्रस्तुति दी। सिद्धेश्वर ने ‘ झुके जो तेरे नैना तो, चूड़ी तेरी खनकी, ये पायल तेरी छमकी, तेरी मेरी प्रीत गोरी है बालपन की “और “सारी सारी रात तेरी याद सताये,नींद ना आये मोहे बड़ा तड़पाये रे /डॉ मीना कुमारी परिहार ने -” चले जाना नहीं नैन मिलाके हाय सईंया बेदर्दी ! / मधुरेश नारायण ने -” पिया ऐसे जिया में समाय गयो रे ” मैं तन मन की… गीतों को अपने स्वर में प्रस्तुत किया” सुरेश चौधरी (कोलकाता ) के द्वारा लता मंगेशकर के कई गीतों की झलकियां प्रस्तुत कर श्रद्धांजलि दी गई lराकेश और ऋतु मिश्रा, कुमारी पिंकी (दिल्ली ) और बिस्मिल्लाह खां संगीत एकेडमी की निदेशिका कुमारी सुमन ने भी लता मंगेशकर के गाए गीतों को अपने स्वर में प्रस्तुत किया।
इसके अतिरिक्त दुर्गेश मोहन, संतोष मालवीय, ज्योत्सना सक्सेना, बृजेंद्र मिश्रा, ललन सिंह, खुशबू मिश्र, डॉ सुनील कुमार उपाध्याय, डॉ बी एल प्रवीण, अनिरुद्ध झा दिवाकर, बीना गुप्ता, स्वास्तिका, अभिषेक श्रीवास्तव आदि की भी भागीदारी रही।