चुनावी कुण्डलिया
(1)
इनको कुर्सी चाहिए, दल से नहीं है प्यार।
जो दल इनको टिकट दे, सदा रहें तैयार।
सदा रहें तैयार, बदल दल चाहें सत्ता।
भले बाद में यही, बनें धोबी का कुत्ता।
कहें विनय दल कोई भी हो टिकट चाहिए जिनको।
छांट रखे हैं ऐसे गुण्डे, विजयी बनाएं इनको।
(2)
खोट ह्रदय में लिए हुए,नेता करते काम।
प्यार इन्हें धन से बहुत, भले होएं बदनाम।
भले होएं बदनाम, रखें दो हट्टे कट्टे।
सारे नेता एक थाल के चट्टे-बट्टे।
कहें विनय ये कंबल बाँटें, या फिर बाँटें नोट।
आप जानिए इनके दिल में, भरा है कोई खोट।
— विनय बंसल