कविता

प्रेम

प्रेम एक विश्वास है,
प्रेम एक एहसास है,
प्रेम सहज आस्था है,
प्रेम अतृप्त प्यास है.
प्रेम जिंदगी है,
प्रेम बंदगी है,
प्रेम दिल्लगी नहीं है,
प्रेम दिल की लगी है.
प्रेम एक त्योहार है,
प्रेम मंत्रोच्चार है,
प्रेम एक मधुरिम सुहास है,
प्रेम नहीं व्योपार है.
विश्वास जिसमें अगाध हो,
आनंद का अंबार हो,
वहीं होता है प्रेम सच्चा,
जहां प्रेम-ही-प्रेम का श्रंगार हो.

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244