गीतिका/ग़ज़ल

इंद्रधनुष

ऑस्ट्रेलिया की प्यारी-सी सुहानी सुबह,
खिड़की खोलते ही इंद्रधनुष दिखा,
यों तो इंद्रधनुष बहुत बार देखा है,
पर उस दिन इंद्रधनुष दिखने पर हुआ अचंभा.
न वर्षा न धूप, इंद्रधनुष का प्यारा-सा रूप,
इतना स्पष्ट और खूबसूरत कि
शर्मा जाए अनिंद्य विश्व सुंदरी का भी रंग रूप.
बड़ा-सा इंद्रधनुष और वह भी बहुत देर तक!
हम तब देखते रहे,
जब तक आसमान में सूरज देवता ने दी दस्तक.

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244