हत्यारों को दंड मिले
कर्नाटक के शिवमोगा में बजरंग दल कार्यकर्ता की चाकू मारकर हत्या कर दी गई। उसने सोशल मीडिया पर एक टिप्पणी की थी जिसे हिजाब विवाद से जोड़कर देखा गया। कुछ असामाजिक जिहादी तत्वों ने योजना बना कर 25 वर्ष के बजरंग दल कार्यकर्ता हर्षा पर निर्दयता से चाकू से वार किए, जिससे अंततः इलाज के दौरान उसकी मृत्यू हो गई। यह घटना रविवार रात की बताई गई, उसके बाद से ही क्षेत्र में तनाव है। धारा 144 लगाई गई, कई जगह आगजनी और पथराव की घटना भी हुई। पुलिस सुरक्षा में शव का पोस्टमार्टम और अग्निदाह किया गया। शहर में अभी भी तनाव का वातावरण है, हिन्दू संगठनों में बड़ा आक्रोश है, स्कूल कॉलेज 23 फरवरी तक बंद किए गए है। समझने वाली बात है कि यदि इस स्थान पर किसी मजहब विशेष की हत्या होती तो पूरे भारत मे आंदोलन और हिंसा हो जाती। कर्नाटक सरकार व ग्रह मंत्री इस संबन्ध में लगातार घटना पर ध्यान बनाये हुए है। हत्या करने वाले साथ ही इनका समर्थन करने वाले सभी लोगों पर कठोर दंडात्मक कार्यवाही होना चाहिए। हिंसा और हिंसा को समर्थन देने वाले दोनों ही दोषी है, ऐसे असमाजिक तत्वों के कारण शांति व कानून व्यवस्था ध्वस्त होती है। देश कब तक ऐसे अपने नेतृत्व करने वाले युवाओं को जिहादी मानसिकता के हाथों मरता हुआ देखेगा ? फिर यदि प्रतिक्रिया में कोई कार्यवाही होती है तो उस पर कई लोग, साहित्यकार गैंग, मानवाधिकार पूरे देश में हल्ला मचाने लगेंगे।