कविता

तब तक प्यार लिखूं कैसे……..

जब तक तकरार दिलों में है
तब तक श्रृंगार लिखूं कैसे

जब तक क्रंदन चहुँ ओर दिखे
तब तक मल्हार लिखूं कैसे

जब तक नफ़रत झलक रही
तब तक व्यवहार लिखूं कैसे

जब तक शीश कटेंगे यहाँ
तब तक हार लिखूं कैसे

जब तक सत्ता (राज) करे
तब तक संसार लिखूं कैसे

जब तक साथ भवँर में छूटे
तब तक पतवार लिखूं कैसे

जब तक पलकों में सावन है
तब तक फुहार लिखूं कैसे

जब तक यहाँ मतलबी हैं
तब तक प्यार लिखूं कैसे

राज कुमार तिवारी (राज)
बाराबंकी उत्तर प्रदेश

राज कुमार तिवारी 'राज'

हिंदी से स्नातक एवं शिक्षा शास्त्र से परास्नातक , कविता एवं लेख लिखने का शौख, लखनऊ से प्रकाशित समाचार पत्र से लेकर कई पत्रिकाओं में स्थान प्राप्त कर तथा दूरदर्शन केंद्र लखनऊ से प्रकाशित पुस्तक दृष्टि सृष्टि में स्थान प्राप्त किया और अमर उजाला काव्य में भी सैकड़ों रचनाये पब्लिश की गयीं वर्तामन समय में जय विजय मासिक पत्रिका में सक्रियता के साथ साथ पंचायतीराज विभाग में कंप्यूटर आपरेटर के पदीय दायित्वों का निर्वहन किया जा रहा है निवास जनपद बाराबंकी उत्तर प्रदेश पिन २२५४१३ संपर्क सूत्र - 9984172782