मैं कहाँ?
तेरी महफ़िल में शोर कहां ?
मेरे सिवा
तेरा कोई यहां और कहां ?
लोग कहते हैं
तुम हर लफ़्ज़ को
पकड़ लेते हो।
फिर तुम्हारी जिंदगी में
मोहब्बत के पन्नों पर
इश्क की दास्तां कहां?
लोग कहते हैं
हर आशिक तेरा यहां।
फिर तेरे चाहने वालों में
यहां मेरा नाम का कहां?
लोग कहते हैं
मोहब्बत की हर शायरी
हर नगमे में तेरा नाम है यहां?
फिर इश्क के दरिया बीच
प्यार के नाव में
तू अकेला बैठा क्यों यहां ?
— राजीव डोगरा