मर्दों वाला काम
“अरी कमला तू तो आज नसबंदी कराने जाऊँगी कहकर छुट्टी माँगी थी, फिर कैसे काम पर आ गई ?” मिसेज शर्मा ने अपने कामवाली बाई से आश्चर्य से पूछा।
“हाँ मैडम जी, मैं आज नसबंदी कराने के लिए जाने वाली थी, पर मेरा आदमी मुझे यह कह कर रोक दिया कि नसबंदी कराना मर्दों का काम है। वह खुद नसबन्दी करा लिया है। एकदम पगलाच है। बहुत प्यार करता है मुझे। बोलता है कि मर्दों की नसबंदी ज्यादा आसान और सुविधाजनक है।” कमला चहकते हुए बोली।
मिसेज शर्मा सोच में पड़ गई। दूसरे बच्चे की सिजेरियन से डिलीवरी के बाद क्रिटिकल कंडीशन होने पर भी शर्माजी ने डॉक्टर से जिद करके उसकी नसबंदी करा दी थी।
— डॉ. प्रदीप कुमार शर्मा