हमने भी सीखा- 13
मुक्तक
सुथरे कान वाले ही सुन सकते हैं
खामोशियों की आवाज
वरना आजकल किसी के
सुनने का रिवाज ही कहां है!
जल्दी जागना हमेशा फायदेमंद ही होता है,
फिर चाहे वह “नींद” से हो
या “अहम” से हो
या फिर “वहम” से हो.
एक बात हमने समझ ली है
तेरा मिलना नामुमकिन तो नहीं
हमें मुमकिन करना आए तो सही
जो परिभाषा में कैद हो जाए
वो मौन ही क्या
मौन तो मन को मुक्त करता है