धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

व्रत या उपवास

व्रत या उपवास हम बचपन से सुनते और देखते आये हैं, सबसे पहले मंगलवार को हनुमान जी का व्रत सुना था , फिर करवा चौथ , शुक्रवार को माता संतोषी का व्रत, माता वैभव देवी का व्रत, नवरात्रे का व्रत , आदि और सभी व्रत हमारी धार्मिक आस्था से जुड़े हैं,व्रत आदि परम्परागत धरणाओं के आधीन सम्पन होते थे, व्रत में व्यक्ति तन, मन और खानपान की शुद्धता का विशेष ध्यान रखते थे, और पूजा पाठ को विशेष महत्त्व देते थे, मेरे विचार से व्रत और उपवास के विशेष लाभ जो है–
१. पाचन क्रिया को आराम.
२. बार और अनियमित कुछ भी खाने की मनाही,
३. वक़्त ज़रुरत अगर यात्रा या व्यस्तता के कारण भोजन न मिल पाए तो सहनशक्ति,
४. केवल शुद्ध और निर्धारित आहार का ही सेवन,
५. खाना खाने की पाबंदी रहते हुए भूख लगने पर इस बात का अहसास की जो गरीब दो वक़्त की रोटी नहीं जुटा पाते उन्हें कैसा अनुभव रोज़ होता है,
६. धर्म के प्रति आस्था में विकास,
लेकिन मेरे विचार से व्रत के साथ किसी भी प्रकार की शर्त नहीं होनी चाहिए , जैसे परीक्षा में पास होने की मन्नत मान कर व्रत रखना आदि,
आज समय बदल गया है, हाल ही में बीते नवरात्र के अवसर पर भी इस बार देखने को मिला की बहुत से लोग विशेषकर महिलाएं सच्ची आस्था से व्रत रखते हैं पर कुछ लोगो में यह व्रत रखना भी एक फैशन का आधुनिक रूप ले चुका है, नवरात्र शुरू होते ही बाजार में व्रत में खाने के नमकीन, मेवे , मिठाई,आदि की भरमार और होटल रेस्टोरेंट में जाकर व्रत की थाली खाने का चलन शुरू हो गया है. व्रत में “यह भी खा सकते हैं”, “यह भी खा सकते हैं”, ऐसा ज़ोर पकड़ रहा की व्रत में भी कुछ व्रत रखने वालों का मुँह दिन भर चलता ही रहता है. घरों में भी व्रत के खाने के नाम पर इतने व्यंजन आदि बन जाते है की लगता है व्रत नहीं दावत हो रही है.

मेरा तो सभी व्रत रखने वालों से अनुरोध है की व्रत के साथ पूरी आस्था रखें , कम से कम ज़रुरत के अनुसार अल्प मात्रा में निश्चित आहार ले ,आहार केवल दिन में एक या दो बार ले और पूजा पाठ में मन लगाएं,
एक बार मैंने देखा की करवा चौथ के दिन समय बिताने के नाम पर कुछ रईस महिलाएं ताश (जुआ ) ही दिन भर खेलती रही.ऐसे किसी भी काम से, किसी की बुराई आदि करने से, लड़ाई झगड़ा करने से भी ऐसे अवसरों पर दूर रहना चाहिए,
आओ हम सब मिल कर यह निश्चित करें की व्रत और उपवास सदा ही मर्यादा में रहकर ही करें और इनसे जुडी धार्मिक विचारधारा का पूर्ण पालन करें ,

— जय प्रकाश भाटिया

जय प्रकाश भाटिया

जय प्रकाश भाटिया जन्म दिन --१४/२/१९४९, टेक्सटाइल इंजीनियर , प्राइवेट कम्पनी में जनरल मेनेजर मो. 9855022670, 9855047845