बाल कविता
मुझको तोता कह सकते हो,
संग मेरे बतिया सकते हो,
अपनी प्रशंसा जो खुद करता,
मिट्ठू मियां उसे क्यों कहते हो?
मैं तो वही बोलता हूं जो,
मुझे सिखाते हो तुम लोग,
राम-राम कहना सिखलाओ,
गाली बकना बुरा है रोग.
अच्छे बच्चे अच्छी बातें,
करते और सिखाते हैं,
वक्त पड़े तो काम बड़े भी,
कर छोटे दिखलाते हैं.
संग मेरे बतियाओगे तो,
बातें अच्छी सिखाऊंगा,
सच्चा प्यार और सच्ची दोस्ती,
मैं खुश होके निभाऊंगा.