बोध कराने आया हूँ
हिन्दू चिंतन दर्शन क्या हैं
मैं बोध कराने आया हूँ
गौरव शाली अपने अतीत की
याद दिलानें आया हूँ
मैं राम कृष्ण की धरती का
इतिहास बताने आया हूँ
सदियों से सोये हिन्दू का
सम्मान जगाने आया हूँ
धनपति कुबेर नत मस्तक था
रघु के धनुः की टंकारो से
विध्वंश दक्ष का यज्ञ हूआ
शिव जटा जनित हुंकारों से
दुनिया को ताण्डव नर्तन का
यश ग़ान सुनाने आयां हुँ
सदियों से सोये हिन्दू का
सम्मान जगाने आया हूँ
सतयुग त्रेता द्वापर कलयुग
ह्रर बार नया अवतार लिया
दानवता के मद से आकुल
धऱती के भांर ऊतार दिया
हर बार अजन्मा जन्मा है
मैं यही बताने आया हूँ
सदियों से सोये हिन्दू का
सम्मान जगाने आया हूँ
नानक तुलसी खुसरो रहीम
रसखान हमारे प्यारे हैं
जो प्यार देश से करते हैं
वो सब आदर्श हमारे हैं
पर बाबर तो आक्रन्ता था
ये तथ्य जताने आया हूँ
सदियों से सोये हिन्दू का
सम्मान जगाने आया हूँ
बाबर की खातिर लडो नही
अल्लाह ऐक हैं ऱाम वही
भटको को राह दिखांने का
उस परम् शक्तिःक़ा काम वही
पूजा की धरती पावन हैं
सबको समझाने आया हूँ
सदियों से सोये हिन्दू का
सम्मान जगाने आया हूँ
मैं खुले आम ये कहता हूँ
सत्ता के दावेदारों से
है ज्वालामुखी उबलने को
मत खेलै इन अंगारो से
पूरा कश्मीर हमारा है
मैं फ़िर दुहराने आया हूँ
सदियों से सोये हिन्दू का
सम्मान जगाने आया हूँ
सूरज कितना भी ताप भरे
हिम हों सकताः अंगार नही
कितनी भी ऊँची लहर उठे
नभ को छूँ सकता ज्वार नहीँ
है कालजयी भारत मेरा
मैं यहीँ बताने आयां हुँ
सदियों से सोये हिन्दू का
सम्मान जगाने आया हूँ
— डॉक्टर /इंजीनियर मनोज श्रीवास्तव