हर जेब में मिले अब मोबाईल।
कलर हो या ब्लैक एंड व्हाइट।।
बेस फोन का अब गया जमाना।
सबको पसंद अब मोबाईल लाना।।
ना आये अब इतना ज्यादा बिल।
घबराये जिससे किसी का दिल।।
कंप्यूटर का अब इतना नहीं काम।
क्योंकि…
सबसे आगे अब मोबाईल नाम।।
मोबाईल की माया है अपरंपार।
अच्छाई-बुराई का नहीं पारावार।।
टार्च-घड़ी का अब सारा काम।
कर दिया मोबाईल ने अपने नाम।।
पेन-कलम का काम था लिखना।
काम यह भी मोबाईल से करना।।
पढ़ना-लिखना हुआ अब आसान।
मोबाईल ने बढ़ा दी इसकी शान।।
सस्ते हैं मोबाईल कॉल के दाम।
कर लें बातें चाहे सुबह या शाम।।
कोई सम्मेलन हो चाहे संगौष्ठी।
मोबाईल से भी अब संपन्न होती।।
सोशल मीडिया का है यह जमाना।
कठिन हुआ सच्च का पता लगाना।।
चिट्ठी-पत्री अर सूचना-संचार।
मोबाईल में है इन सबका सार।।
हर जेब में मिले अब मोबाईल।
हरेक जन की अब यही स्टाईल।।
— शम्भु प्रसाद भट्ट ‘स्नेहिल’